महामृत्युंजय जाप / हवन
अगर आपके घर में कोई लंबे समय से बीमार है और कई ईलाज करवाने के बाद भी रोगी स्वस्थ नहीं हो पा रहा है तो ऐसी स्थिति में महामृत्युंजय मंत्र का जाप एवं पूजन करवाना चाहिए।
महामृत्युंजय पूजन के लाभ
महामृत्युंजय मंत्र के जप और पूजन से शोक, मृत्यु, भय, रोग और दोष का प्रभाव कम एवं पापों का नाश होता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करवाना हर व्यक्ति को केवल लाभ ही पहुंचाता है।
ऐसा जरूरी नहीं है कि महामृत्युंजय मंत्र के जाप एवं पूजन से रोगी का रोग ठीक हो जाता है।
ऐसा भी संभव है कि महामृत्युंजय मंत्र के जप एवं पूजन के बाद रोगी की मृत्यु हो जाए और उसे अपने रोगी शरीर से मुक्ति मिल जाए।
पूजन का महत्व
सर्वप्रथम महामृत्युंजय मंत्र के जाप एवं पूजन का संकल्प लें। अब पूजन स्थल के सामने आसन पर बैठकर भगवान शिव का ध्यान करें।
अब सभी देवी-देवताओं का षोढषोपचार करें। अब ब्राह्मण का सत्कार करें और मंत्र का जप एवं पूजन आरंभ करें।
पूजन का समय :
पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।
पूजन सामग्री :
धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी और गुलाबी कपड़ा |
यजमान द्वारा वांछित जानकारी :
नाम एवं गोत्र, पिता का नाम, जन्म तारीख, स्थान ||